“भैया, वही चीज़ी मंचूरियन और फ्राइड राइस पैक कर दो… थोड़ा एक्स्ट्रा मसालेदार!”
रवि की ये आवाज़ उस स्ट्रीट फूड वाले की सबसे पसंदीदा ग्राहक बन चुकी थी। हर शाम ऑफिस के बाद रवि वहीं रुकता, स्टील की प्लेट में चाइनीज़ फूड खाता और मोबाइल स्क्रॉल करता — एकदम आम ज़िंदगी, जैसे हम सब जीते हैं।
28 साल का रवि, मिडिल क्लास परिवार से था, एक IT कंपनी में काम करता था और अकेले PG में रहता था। खाना बनाना आता नहीं था, और वक्त के साथ अब वो आदत बन चुकी थी — “रोज़ कुछ नया, कुछ टेस्टी!”
आदत जो धीरे-धीरे ज़हर बन गई
शुरुआत में बस हफ्ते में 2-3 बार। फिर हर दिन। रवि को स्ट्रीट फूड का वो तीखा, मसालेदार स्वाद कुछ ज़्यादा ही पसंद आने लगा। खासकर वो मंचूरियन और नूडल्स – जो बिना अजीनो मोटो (MSG) के अधूरे लगते थे।
कभी सोचा नहीं था कि जो स्वाद उसे सुकून देता है, वही एक दिन उसकी ज़िंदगी को उल्टा कर देगा।
शरीर ने देना शुरू किया जवाब
धीरे-धीरे रवि को अजीब सी थकान महसूस होने लगी।
सुबह उठते ही सिर भारी।
काम पर ध्यान ना लगना।
सीने में जलन, कभी-कभी चक्कर, और फिर एक दिन — ब्लैकआउट।
ऑफिस में ही रवि बेहोश हो गया। जब अस्पताल में आँख खुली, तो डॉक्टर ने कई टेस्ट्स करवाए। रिपोर्ट देखकर वो बोले:
“आपके शरीर में MSG के अधिक सेवन से हार्मोनल असंतुलन, लीवर में सूजन और माइग्रेन जैसी समस्याएं दिख रही हैं। ये गंभीर हो सकता है।”
रवि को विश्वास नहीं हुआ। “पर मैं तो बस स्ट्रीट फूड खाता था…”
अंदर से टूटता एक नौजवान
वो हंसता रवि अब शांत हो गया था। खाने का मन करता तो खुद से लड़ता। हर बार मंचूरियन की खुशबू उसके इमोशन से लड़ती।
घर वालों को नहीं बताया — डर था कि माँ रोएगी।दोस्त बोले: “अबे थोड़ा ही तो खाता था, तुझे कैसे हुआ?”
रवि सोचता: “हाँ… थोड़ा ही तो था… लेकिन रोज़ थोड़ा।”
बदलाव की शुरुआत
डॉक्टर ने कहा:
“अभी वक्त है। शरीर को दोबारा ठीक किया जा सकता है — लेकिन तुम्हें खुद को बदलना होगा।”
रवि ने खाना बनाना सीखा। सबसे पहले बनाई थी — सादा खिचड़ी। उसमें ना अजीनोमोटो था, ना स्वाद का वो तड़का, लेकिन वो पहली बार खाना था जो डर से नहीं, उम्मीद से भरा था।
“जो स्वाद एक पल की खुशी दे, वो ज़िंदगी की कीमत पर नहीं होना चाहिए।”
सीख जो हम सब के लिए है
हर बार जब हम “बस एक प्लेट नूडल्स” कहते हैं, तो सोचिए — कहीं वो “बस एक” रोज़ की आदत तो नहीं बन रही?
जो चीज़ें सस्ती, टेस्टी और फटाफट मिलती हैं, वो अक्सर सबसे ज़्यादा छुपा नुकसान देती हैं।
सेहत का कोई शॉर्टकट नहीं होता।
रवि की कहानी अधूरी नहीं थी… बस उसने रास्ता बदल लिया।
क्या आप भी अपनी कहानी का नया रास्ता चुनेंगे?
“चाइनीज़ फूड” सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है – मंचूरियन, नूडल्स, फ्राइड राइस और बहुत कुछ। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि इनमें एक अलग तरह का स्वाद क्यों आता है? यह स्वाद आता है एक विशेष पदार्थ से जिसका नाम है अजीनो मोटो या मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG)। जहां कुछ लोग इसे स्वाद बढ़ाने वाला मास्टर मानते हैं, वहीं कई विशेषज्ञ इसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बताते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि अजीनो मोटो क्या है, इसके संभावित नुकसान क्या हैं और इससे कैसे बचा जाए।
अजीनो मोटो (MSG) क्या है?
अजीनो मोटो, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Monosodium Glutamate (MSG) कहा जाता है, एक फ्लेवर एन्हांसर है जो भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग होता है। यह Glutamic Acid का एक सोडियम नमक है और इसका उपयोग खासकर तैयार खाने, चाइनीज़ फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, सूप, चिप्स आदि में किया जाता है।
MSG से भोजन में ‘उमामी‘ नामक पाँचवां स्वाद आता है जो नमक, मीठा, खट्टा और कड़वे से अलग होता है।
MSG किन चीजों में पाया जाता है?
चाइनीज़ और इंडो–चाइनीज़ भोजन
पैकेज्ड नूडल्स
चिप्स और नमकीन
इंस्टैंट सूप
फ्रोजन फूड
प्रोटीन पाउडर
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ
MSG के संभावित नुकसान
- चाइनीज़ रेस्तरां सिंड्रोम (CRS)
MSG के सेवन के बाद कुछ लोगों में निम्नलिखित लक्षण देखे गए हैं:
सिरदर्द
तेज़ धड़कन
चेहरे पर जलन या गर्मी
अत्यधिक पसीना
सीने में दर्द
मतली
कमजोरी
इन्हें ही Chinese Restaurant Syndrome कहा जाता है। हालांकि यह सभी में नहीं होता, लेकिन MSG संवेदनशील लोगों के लिए गंभीर साबित हो सकता है।
- ब्रेन और न्यूरोलॉजिकल इफेक्ट्स
कुछ रिसर्च के अनुसार MSG मस्तिष्क की कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अधिक मात्रा में MSG लेने से न्यूरोटॉक्सिसिटी का खतरा होता है, जिससे सिरदर्द, बेचैनी और नींद की समस्या हो सकती है।
- ओबेसिटी और मोटापा
MSG के सेवन से भूख बढ़ सकती है, जिससे व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खा सकता है। यह मोटापे और उससे संबंधित बीमारियों जैसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ावा दे सकता है।
- एलर्जी और संवेदनशीलता
कुछ लोगों में MSG से एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं, जैसे:
स्किन रैशे
सांस लेने में कठिनाई
गले में सूजन
चक्कर यह स्थिति MSG Sensitivity कहलाती है।
- हॉर्मोनल असंतुलन
MSG शरीर में हॉर्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर थायरॉइड ग्रंथि को। लंबे समय तक सेवन से हॉर्मोनल डिसबैलेंस की स्थिति बन सकती है।
- लिवर और किडनी पर प्रभाव
कुछ स्टडीज में पाया गया है कि MSG का अधिक सेवन लिवर और किडनी की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। शरीर में विषैले तत्वों को बाहर निकालने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए MSG क्यों खतरनाक है? बच्चों का नर्वस सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए MSG का असर ज़्यादा होता है।
MSG से बच्चों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन और नींद की समस्याएँ हो सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं में यह भ्रूण के विकास पर असर डाल सकता है।
Note: अमेरिका की FDA एजेंसी ने MSG को “सामान्य रूप से सुरक्षित” माना है लेकिन अधिक सेवन से बचने की सलाह दी है।
साइंटिफिक रिसर्च और मतभेद
कुछ रिसर्च बताती हैं कि सामान्य मात्रा में MSG नुकसान नहीं करता।
वहीं अन्य स्टडीज़ इसे न्यूरोटॉक्सिक, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और हार्मोनल असंतुलन से जोड़ती हैं।
Indian Council of Medical Research (ICMR) और FSSAI ने MSG के सीमित उपयोग की सिफारिश की है।
यानी, MSG पर वैज्ञानिक समुदाय बँटा हुआ है, लेकिन सावधानी रखना ज़रूरी है।
कैसे पहचानें कि किसी उत्पाद में MSG है?
MSG को पैकेट पर कई नामों से छिपाया जाता है:
Flavour Enhancer (E621)
Hydrolyzed Vegetable Protein (HVP)
Autolyzed Yeast
Yeast Extract
Glutamic Acid
Sodium Caseinate
हमेशा फूड लेबल पढ़ें, खासकर इंस्टैंट और पैकेज्ड फूड आइटम पर।
MSG के हेल्दी विकल्प क्या हैं?
- काला नमक और चाट मसाला: प्राकृतिक स्वाद के लिए बेहतर विकल्प।
- नींबू और अदरक: खाने में खट्टा-तेज स्वाद जोड़ने के लिए।
- ताज़ी हर्ब्स: धनिया, पुदीना, तुलसी जैसे पौधों से स्वाद और सुगंध दोनों मिलती है।
- देसी घी और मसाले: भारतीय भोजन में पहले से ही स्वाद का भंडार होता है।
- नारियल अमीनोस या तमारी सॉस: जो लोग सोया सॉस के साथ MSG से बचना चाहते हैं, उनके लिए अच्छा विकल्प।
क्या कभी–कभार MSG लेना ठीक है?
अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं और कभी-कभी बाहर खाना खाते हैं, तो थोड़ी मात्रा में MSG का सेवन गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाता। लेकिन यदि:
आप नियमित रूप से चाइनीज़ या प्रोसेस्ड फूड खाते हैं,
आपको सिरदर्द, बेचैनी या थकावट की समस्या रहती है,
आप बच्चों या बुज़ुर्गों के लिए खाना बना रहे हैं
तो MSG से बचना ही बेहतर है।
ज़रा स्वाद के लिए ज़िंदगी खतरे में?
MSG यानी अजीनो मोटो भले ही आपके खाने में स्वाद का जादू भर देता हो, लेकिन उसके पीछे छुपा सेहत का खतरा बहुत बड़ा है। यह धीरे–धीरे शरीर पर असर डालता है — जैसे धीमा ज़हर। आज के दौर में जागरूक रहना और सही जानकारी के साथ खाना चुनना ही सबसे समझदारी है।
स्वास्थ्य से समझौता कभी नहीं होना चाहिए, क्योंकि स्वाद तो पलभर का है, लेकिन असर जीवनभर का।

नमस्कार! मैं राधे, “Radhe Care” वेबसाइट का संस्थापक और मुख्य लेखक हूँ। मेरा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी सटीक और आसान भाषा में जानकारी प्रदान की जाए। मैं वर्षों से हेल्थ, फिटनेस और आयुर्वेदिक जीवनशैली के विषय में अध्ययन और अनुभव प्राप्त कर रहा हूँ, और इन्हीं अनुभवों को इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आप सभी से साझा करता हूँ।
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